एशियाड में पदकों की बारिश के बीच उन एथलीटों का दर्द भी छलका जो किसी मदद के बिना अपने परिश्रम से एशियाड तक खेल गए। बागपत की रचना यादव ने कहा है कि अगर उन्हें सरकार से आर्थिक मदद नहीं मिली तो वे खेल छोड़ देंगी। वो अपने संसाधनों से यहां तक पहुंची हैं और आने वाले दिनों में ओलिंपिक की तैयारी के लिए आवश्यक धन नहीं रह गया है।

तेज बारिश के कारण नहीं कर पाई अच्छा प्रदर्शन

एशियाई खेलों में इस बार हैमर थ्रो में दो महिला खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। दोनों खिलाड़ी बागपत से हैं। 28 वर्षीय रचना कुमारी अपना श्रेष्ठ न दे पाने के सवाल पर कहा कि उस दिन हांगझू में तेज बारिश हो रही थी। इस कारण उनके पैर फिसल रहे थे।

फिसलन की वजह से पैर मुड़ा

रचना ने पहली थ्रो 58 मीटर की लगाई। सोचा था कि इसके बाद आलआउट थ्रो लगाएंगी, लेकिन फिसलन की वजह से पैर मुड़ गया। चीन की खिलाड़ी भी अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सकीं। 

कहीं से नहीं मिल रही मदद

रचना ने कहा कि ओलंपिक के लिए क्वालिफिकेशन मार्क 74 मीटर है। इसके लिए अपनी ओर से पूरी मेहनत करना चाहती हैं, लेकिन उनको कहीं से मदद नहीं मिल रही। सरकार से कोई सुविधा नहीं मिली। उन्हें आर्थिक मदद की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे इसी माह होने वाले राष्ट्रीय खेलों के बाद खेल छोड़ने को मजबूर होंगी। 

सहायता मिले तो पदक की वर्षा कर दें तान्या

19 वर्षीय युवा खिलाड़ी तान्या चौधरी के पिता नरेंद्र चौधरी ने भी कहा कि इवेंट वाले दिन वर्षा होने के कारण तान्या अपना श्रेष्ठ नहीं दे सकी। कहा कि इतिहास में अब तक हैमर थ्रो में कोई महिला खिलाड़ी ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी है। उन्हें विश्वास है कि उचित सहायता मिले तो तान्या इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है।




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