NOI कानपुर। पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर अभ्यर्थी को वाट्सएप पर उपलब्ध कराने वाले वकील आशीष सचान और उसके साथी अंकित सिंह को जेल भेजा जा चुका है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। इस दौरान, पता चला है कि गिरफ्तारी से पहले आरोपितों ने अपने मोबाइल से वाट्सएप डाटा डिलीट कर दिया था।

अब पुलिस इन दोनों के साथ ही पूर्व में जेल भेजे जा चुके अभ्यर्थी और उसके भाई के मोबाइल का वाट्सएप डाटा रिकवर कराने की तैयारी में है, ताकि पेपर लीक कांड के गिरोह के सदस्यों और सरगना के बारे में जानकारी मिल सके। वहीं, एसटीएफ ने सोमवार को जांच कर रहे गोविंदनगर थाने के एसआइ पवन कुमार से मामले की जानकारी जुटाई। शहर में 18 फरवरी को पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ था

इसमें गुजैनी स्थित परीक्षा केंद्र रतनचंद खत्री स्कूल से कुलगांव के खलार गांव निवासी प्रदीप कुमार को नकल करते पकड़ा गया था। उसके पास से प्रश्नों के उत्तर लिखी पर्चियां मिली थीं। इस पर उसे गोविंदनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। विवेचक एसआइ पवन कुमार के अनुसार, पूछताछ में आरोपित प्रदीप ने बताया कि उसका भाई संदीप भी इस मामले में शामिल है।

संदीप ने भाई को पास कराने के लिए साढ़ के कोरथा निवासी अंकित सिंह से संपर्क किया था। बाद में अंकित ने उसे नौबस्ता बसंत विहार निवासी वकील आशीष सचान से मिलवाया था। आशीष ने पांच लाख रुपये में पास कराने का ठेका लेकर 60 हजार रुपये एडवांस ले लिए थे। इसके बाद लीक हुआ पेपर संदीप को वाट्सएप पर भेजा था।

अभ्यर्थी प्रदीप से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने अन्य आरोपितों अंकित और वकील आशीष सचान को भी रविवार को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों से अलग-अलग पूछताछ हुई तो एक-दूसरे पर पर्चा भेजने का आरोप लगाने लगे। वाट्सएप डाटा के बारे में पूछा गया तो आरोपित आशीष ने बताया कि उन्होंने मोबाइल से सभी सामग्रियों को डिलीट कर दिया है। विवेचक ने बताया कि अब आरोपितों का वाट्सएप डाटा रिकवर कराने के लिए मोबाइल विशेषज्ञों को भेजा जाएगा।

पेपर लीक में दोषियों पर कार्रवाई हो’

पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मामले में वकील की गिरफ्तारी और थाने में हंगामे पर बार एसोसिएशन और लायर्स एसोसिएशन की बैठक हुई। कहा गया कि दोषियों पर कार्रवाई हो, लेकिन वकीलों से अभद्रता की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। इस मामले में किसी भी अधिवक्ता का प्रत्यावेदन न मिलने पर दोनों एसोसिएशन ने किसी भी तरह की कार्यवाही न करने का प्रस्ताव पास किया। बैठक में बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी, महामंत्री आदित्य सिंह, लायर्स एसोसिएशन अध्यक्ष शरद कुमार शुक्ला, राजेश सिंह परिहार, संजीव कुमार दुबे, नागेश चंद्र त्रिपाठी, विनय कुमार मिश्रा, प्रीती त्रिपाठी मौजूद रहीं।

कोचिंग संस्थानों में भी पहुंची एसटीएफ, पूछताछ की

पेपर लीक कांड में पहले दिन से ही एसटीएफ लखनऊ की एक टीम शहर में डेरा जमाकर संदिग्धों पर नजर बनाए हुए है। रविवार को वकील समेत दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद टीम ने सक्रियता बढ़ा दी। दक्षिण व शहर के कई संस्थानों के बारे में आसपास के लोगों से जानकारी जुटाई।

इस दौरान बर्रा स्थित कोचिंग संचालक रामजी शुक्ला के साथ ही अन्य कोचिंग के संचालकों के मोबाइल नंबर पर आए लीक पेपर की जानकारी ली। यहीं पता चला कि पेपर ग्रुपों पर प्रचलित होने पर उनके पास आया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिन केंद्रों में अभ्यर्थियों को नकल करते पकड़ा गया, वहां के अन्य अभ्यर्थियों के बारे में एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।

इंस्पेक्टर पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर अपर पुलिस आयुक्त से मिले वकील

वकील आशीष सचान व उसके साथी की पैरवी में गोविंद नगर थाने पहुंचे लायर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हर्ष कुमार और उनके साथी वकीलों ने इंस्पेक्टर विक्रम सिंह समेत पुलिसकर्मियों पर थाने के अंदर मारपीट कर मोबाइल छीनने का आरोप लगाया था।

सोमवार को वकील अनिरुद्ध जायसवाल एक प्रतिनिधि मंडल के साथ अपर पुलिस आयुक्त विपिन मिश्रा से मिले। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए वकीलों से बदसुलूकी करने में लाइन हाजिर हुए इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और विभागीय कार्रवाई की मांग की है। दिलीप कुमार, नवीन यादव, राघवेंद्र मौजूद रहे।


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