उत्तर प्रदेश में आयुष हेल्थ टूरिज्म क्षेत्र में अपार संभावनाएं: योगी आदित्यनाथ; 271 परियोजनाओं का किया लोकार्पण
योगी ने कहा कि कोई भी जड़ी ऐसी नहीं है जो औषधीय गुणों से भरपूर न हो लेकिन अज्ञानता व उपेक्षा किए जाने के कारण आयुष हाशिए पर रहा। जिन कर्णधारों पर इसे बढ़ाने का जिम्मा था उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इसकी ताकत पहचानी और अलग आयुष विभाग बनाया। अब दुनिया इस परंपरागत चिकित्सा पद्धति की ओर तेजी से बढ़ रही है। उप्र में भी आयुष के क्षेत्र में तमाम कार्य किए गए।
गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय खोला गया और अब आयुष महानिदेशालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष से संपूर्ण आरोग्यता का लक्ष्य इससे आसानी से हासिल किया जा सकता है और जो इस पद्धति से जीवन यापन करता है वह कभी बीमार नहीं पड़ता। अगर किन्हीं कारणों से रोग हो भी जाता है तो वह उससे आसानी से मुकाबला करने में सक्षम होता है। कोरोना महामारी में आयुष काढ़ा दुनिया भर में लोगों ने पिया।
कार्यक्रम में योगी ने बस्ती, बलिया, जालौन व रायबरेली में 50-50 बेड के एकीकृत आयुष अस्पताल, प्रयागराज व झांसी में छात्राओं के हॉस्टल और 226 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के साथ-साथ विभिन्न अस्पतालों में कराए गए निर्माण कार्यों का भी लोकार्पण किया।
कार्यक्रम में आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि पहले आयुष कॉलेजों में जो शिक्षक जिस पद पर भर्ती होता था उसी पद पर रिटायर हो जाता था। बीते सात वर्षों में न सिर्फ आयुष चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई गईं बल्कि शिक्षक व कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति व एसीपी का लाभ दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, आयुष लीना जौहरी ने कहा कि टेलीमेडिसिन व आयुष कवच एप के माध्यम से लोगों को घर बैठे चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा दिलाई जा रही है। कार्यक्रम में भाजपा विधायक नीरज बोरा, योगेश शुक्ल और जय देवी आदि मौजूद रहीं।
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