राजस्व हानि के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती, दिया कमेटी बनाने का आदेश
कोर्ट ने क्या कहा
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह की पीठ ने इस मामले पर कहा है कि "हमें इस देश के नागरिक के रूप में अपील दायर करने में देरी के कारण सरकार को होने वाले राजस्व नुकसान के बारे में चिंता है। देखा जा रहा है कि, अपीलें 500 से 600 दिनों की देरी से दायर की जा रही हैं और उन्हें अदालतें खारिज कर देती हैं। आपके पास बहुत वरिष्ठ स्तर के अधिकारी नहीं बल्कि ऐसे लोगों की एक समिति होनी चाहिए, जो चीजों के बारे में जानते हों। ऐसे लोग मामलों की निगरानी के लिए सबसे उपयुक्त साबित होते हैं।"
सॉलिसिटर जनरल ने क्या कहा
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की तरफ से कहा गया कि "कई बार जानबूझकर मामले दर्ज करने में देरी करने की कोशिश की जाती है। नई व्यवस्था लागू होने से जवाबदेही तय हो जाएगी। नई प्रणाली के साथ किसी भी अदालत में फैसला सुनाए जाने के बाद जरूरी होने पर अपील दायर करने की प्रक्रिया भी तुरंत शुरू हो जाएगी।"
साथ ही उन्होंने कहा कि "हाल ही में इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी और यहां तक कि उन्होंने भी विचार-विमर्श में भाग लिया था। इस दौरान कई सुझाव आए, जिन्हें शामिल किया जाएगा। पीठ ने गुरुवार को हुई सुनवाई में कहा, कम से कम आप समिति के गठन के बारे में एक अधिसूचना जारी कीजिए, ताकि अदालत को पता चले कि काम शुरू हो गया है और हम इस मुद्दे को यहीं छोड़ देंगे।"
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