वाशिंगटन, NOI: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की और अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की। ये बातचीत काबुल हवाई अड्डे के बाहर आत्मघाती बम विस्फोट के दो दिन बाद हुई, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और लगभग 170 अफगान मारे गए। विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से बात की। अफगानिस्तान पर अपनी चर्चा जारी रखी। साथ ही संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के एजेंडे पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

काबुल एयरपोर्ट के ठीक बाहर हुए बम विस्फोट की कड़ी निंदा करते हुए भारत ने कहा कि इस हमले ने दुनिया की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत पर बल दिया। भारत ने शुक्रवार को कहा कि वो अफगानिस्तान में स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखे हुए है और उसका मुख्य जोर उन भारतीयों को वापस लाने पर है, जो अभी भी उस देश में हैं।

इस्लामिक स्टेट-खुरासान (IS-K) ने काबुल एयरपोर्ट पर हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। पेंटागन ने गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर मरने वाले अमेरिकी सैनिकों की सूची जारी की है। इनमें 11 मरीन कमांडो, एक नौसेना और एक थल सेना का सैनिक है। इनमें से 12 ऐसे सैनिक हैं, जिनकी उम्र करीब बीस साल है। मरने वालों में सबसे ज्यादा उम्र का जवान 31 साल का था। पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि उसने अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में काबुल हमले के आईएस-के योजनाकार के खिलाफ ड्रोन हमला किया।

उधर, व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि अफगानिस्तान में अमेरिका ने पिछले 24 घंटे में काबुल एयरपोर्ट से करीब 2,000 लोगों को बाहर निकाला है। व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका ने 14 अगस्त से अब तक काबुल स्थित हामिद करजई एयरपोर्ट से लगभग 1,13,500 लोगों को निकाला है या निकालने में सहायता की है। अमेरिका ने जुलाई के अंत से करीब 1,19,000 लोगों को स्थानांतरित किया है।                                           


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