नई दिल्ली, NOI: Covid-19: कोविड से जुड़ी कई जानकारियों में आए दिन बदलाव आते रहते हैं, लेकिन एक बात तो निश्चित थी कि यह एक सांस की बीमारी है। यहां तक कि ज़्यादातर मरीज़ जो कोविड-19 वायरस संक्रमित हुए थे, उनमें सांस से जुड़े हल्के से मध्यम लक्षण नज़र आए थे और वे बिना किसी मेडिकल मदद के रिकवर भी हो गए थे।

नई रिसर्च आई सामने

लेकिन एक नए शोध में दावा किया गया है कि कोविड-19 एक संवहनी स्थिति (vascular condition) है और फेफड़ों से संबंधी बीमारी नहीं, जैसा कि इसे अक्सर माना जाता है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन डिएगो द्वारा प्रायोजित एक रिसर्च के अनुसार, कोविड के कुछ रोगियों में रक्त के थक्कों के साथ-साथ अन्य चिंताएं जैसे कि 'कोविड फीट', आमतौर पर एक सांस से जुड़ी बीमारी के संकेत नहीं है।

जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित शोध के अनुसार, यह वायरस धमनी या संचार प्रणाली को टार्गेट करता है। इसका S प्रोटीन, जो क्राउन बनाता है, ACE2 रिसेप्टर पर हमला करता है, जिससे कोशिका के माइटोकॉन्ड्रिया को नुकसान होता है, जो ऊर्जा पैदा करता है और फलस्वरूप एंडोथेलियम, जो रक्त धमनी को कवर करता है।

शोध ने एक छद्म वायरस तैयार किया जिसमें सिर्फ एस प्रोटीन शामिल था और वायरस का कोई अन्य भाग प्रयोगशाला में प्रदर्शित करने के लिए नहीं था। यह प्रोटीन अपने आप में बीमारी को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त है। यह पहले ही देखा जा चुका है, लेकिन एस प्रोटीन की सटीक विधि और कार्य अब तक अज्ञात था। अध्ययन के अनुसार, इस वक्त मौजूद सभी वैक्सीन ने यह प्रोटीन रीक्रिएट कर लिया है।

संवहनी समस्याएं रोगी की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से संबंधित हो सकती हैं। श्वसन प्रणाली पर प्रभाव फेफड़े के ऊतक की सूजन के कारण होता है। यही वजह है कि कई लोग जो कोविड-19 से पीड़ित होते हैं, उन्हें स्ट्रोक या दूसरी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है।

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