नई दिल्ली, NOI: सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार पहली बार नौ नए न्यायाधीशों ने एक साथ पद की शपथ ली। इस दौरान तीन महिलाओं को एक साथ जज बनाया गया है। इनमें जस्टिस हिमा कोहली, नागरत्ना और बेला एम त्रिवेदी शामिल हैं। जस्टिस नागरत्ना सितंबर 2027 में देश की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बन सकती हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं।

इन तीन नई नियुक्तियों के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में महिला जजों की संख्या चार हो गई है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी पहले से सुप्रीम कोर्ट की जज हैं। इससे पहले अगस्त 2018 से मई 2020 के दौरान सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जज-जस्टिस आर भानुमति, इंदिरा बनर्जी और इंदु मल्होत्रा थीं। 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आने के बाद से सुप्रीम कोर्ट में अब तक आठ महिलाएं न्यायाधीश के पद पर रही हैं। शीर्ष अदालत में नियुक्त सात अन्य महिला न्यायाधीशों में जस्टिस सुजाता वी मनोहर, रूमा पाल, ज्ञान सुधा मिश्रा, रंजना पी देसाई, आर भानुमति, इंदु मल्होत्रा ​​और इंदिरा बनर्जी शामिल हैं।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश थीं। 2 सितंबर, 1959 को दिल्ली में जन्मी जस्टिस कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। 1999-2004 तक वह दिल्ली उच्च न्यायालय में नई दिल्ली नगर परिषद की स्थायी वकील और कानूनी सलाहकार रहीं। उन्हें 29 मई, 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 29 अगस्त, 2007 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में उन्होंने शपथ ली।

न्यायमूर्ति नागरत्ना, जो पूर्व सीजेआइइ जस्टिस इएस वेंकटरमैया की बेटी हैं। शीर्ष अदालत में पदोन्नत होने से पहले वह कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थीं। वह सितंबर 2027 में सीजेआइ बनने के लिए कतार में सबसे आगे हैं। न्यायमूर्ति नागरत्ना को फरवरी 2008 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में उन्हें वहां स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। वहीं, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी, सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत होने से पहले गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थी और वह न्यायिक सेवा श्रेणी से संबंधित थीं।

बता दें कि नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश सहित जजों की संख्या 33 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या 34 है। शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ लेने वाले नौ नए न्यायाधीशों में जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, विक्रम नाथ, जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, हिमा कोहली और बी वी नागरत्ना शामिल हैं। इनके अलावा जस्टिस रमना ने सीटी रविकुमार, एमएम सुंदरेश, बेला एम त्रिवेदी और पीएस नरसिम्हा को भी पद की शपथ दिलाई। नए न्यायाधीशों में जस्टिस नाथ और नरसिम्हा भी देश के प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में भी हैं।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement