Rice Consumption: आगरा के लोग हर रोज खा लेते हैं एक हजार कुंतल चावल, मोटे चावल की अब कोई पूछ नहीं
चावल की प्रमुख किस्म
बासमती, सुपर बासमती, सुपरफाइन बासमती, किरन बासमती, परी बासमती चावल, सुगंधा, शरबती आदि।
चावल के सेवन से नुकसान
- सफेद चावल में फाइबर की मात्रा काफी कम होती है। ज्यादा मात्रा में खाने से पाचन शक्ति कमजोर होने की आशंका रहती है। इसके सेवन से गैस की समस्या होती है।
- चावल सेवन के बाद शरीर में शुगर की मात्रा बहुत तेजी से बढ़ती है। जिसकी वजह से नींद आने लगती है। आलस बढ़ने लगता है।
- चावल के सेवन से पेट जल्दी भर जाता है। यह आसानी से पच भी जाता है। इसकी वजह से भूख भी बार-बार लगती है। इस तरह ओवर ईटिंग को निमंत्रण देने का कारण बनता है।
- पके हुए चावल में वसा पाए जाने की वजह से मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए चावल का सेवन हानिकारक होता है।
जिले में लगभग 70 लाख रुपये प्रतिदिन चावल का कारोबार है। कोरोना काल में चावल की बिक्री प्रभावित हुई है। लगभग एक कुंतल चावल प्रतिदिन की खपत है।
रमन लाल गोयल, मोतीगंज बाजार समिति
कोरोना काल में मोटे चावल की बिक्री लगभग बंद हो गई है। यह चावल मजदूर और आर्थिक रूप से कमजोर लोग लिया करते थे। मगर, राशन की दुकान पर यह चावल उन्हें मुफ्त मिल रहा है। इसके चलते इस चावल की बिक्री लगभग खत्म हो गई है।
जितेंद्र अग्रवाल, थोक विक्रेता
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