नई दिल्ली, NOI: ग्राहक कुछ परिस्थितियों में भविष्य निधि कोष से आंशिक निकासी या 'अग्रिम' निकासी कर सकते हैं। कुछ दिनों बाद ग्राहकों के बैंक खातों में पैसे जमा हो जाते हैं, लेकिन कई बार दावे खारिज हो जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं मसलन, बैंक डिटेल का अपडेट न होना, गलत मेंबर डिटेल्स, चेक बुक कॉपी और हस्ताक्षर का साफ न होना, केवाईसी में अधूरी जानकारी शामिल हैं। आइए तफसील से जानते हैं कि आखिर दावे क्यों खारिज हो जाते हैं।

KYC जानकारी का पूरा न होना: यदि केवाईसी डिटेल पूर्ण और सत्यापित नहीं हैं, तो ईपीएफओ ईपीएफ निकासी दावे को अस्वीकार कर सकता है। EPF दावे की अस्वीकृति का एक और कारण अपूर्ण केवाईसी है।

आधार और UAN का अपडेट न होना: आधार को सत्यापित किया जाना चाहिए और उसे यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से जोड़ा जाना चाहिए। अगर यूएएन को आधार से लिंक नहीं किया जाता है, तो EPF निकासी दावे को खारिज किया जा सकता है।

हस्ताक्षर साफ समझ न आए तो: अगर मेंबर का हस्ताक्षर साफ तौर पर समझ नहीं आ रहा है और कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड के साथ मेल नहीं खा रहा है, तो दावे खारिज हो सकते हैं। इसके अलावा EPF निकासी के दावे को ऑनलाइन दर्ज करते समय, EPFO रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड बैंक खाते की जांच की स्कैन की हुई कॉपी देनी होती है। अस्पष्ट जांच भी अस्वीकृति का कारण बन सकते हैं।

बैंक डिटेल का अपडेट न होना: EPF निकासी दावे के खारिज होने का एक कारण EPFO मेंबर पोर्टल पर बैंक खाता संख्या और IFSC कोड का अपडेट न होना भी है।

मेंबर डिटेल्स की गलत जानकारी: मेंबर डिटेल्स स्थापना रिकॉर्ड के साथ मैच न होता हो तो भी दावे खारिज हो सकते हैं। इसलिए सदस्य का नाम और जन्मतिथि सही होना चाहिए।

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