कानपुर, NOI : नगर निगम और जीएसवीएम मेडिकल कालेज की मेट्रो के निर्माण में की जा रही आपत्तियों के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम मेट्रो प्रोजेक्ट लटक सकता है। मेडिकल कालेज ने मेट्रो को पत्र लिखकर मेडिकल कालेज से लाला लाजपत राय अस्पताल के बीच अंडरपास के साथ एक स्पोट्र्स कांप्लेक्स बनाने की मांग की है। दूसरी ओर जलकल कालोनी में वर्षों से अवैध रूप से रह रहे लोगों के मकान तोडऩे के बाद अपना निर्माण कर मेट्रो दोबारा उन्हें बना रहा था, इन्हें नगर निगम ने अवैध बता तोड़ दिया है। इन बाधाओं को देख मेट्रो अधिकारियों ने नगर नगर निगम अधिकारियों से कह दिया है कि ऐसे 15 नवंबर को मेट्रो का ट्रायल रन नहीं हो सकेगा। मेट्रो अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को भी इन स्थितियों के बारे में बता दिया है। 

मेट्रो ने निर्माण तेजी से पूरा करने के लिए गीतानगर, रावतपुर में राह में आ रहे मकान और दुकान के मालिकों से बात कर पहले उनका निर्माण तोड़ा और फिर उन्हें बनाकर दे दिया लेकिन मामला जलकल कालोनी में उलझ गया। यहां कुछ अवैध मकान मेट्रो की राह में आ रहे थे। मेट्रो ने इनसे दोबारा मकान बनाकर देने की बात की। जितने हिस्से को तोड़कर निर्माण कर सकते थे, मेट्रो ने तोड़ा और निर्माण पूरा कर उन्हें दोबारा बनाना शुरू कर दिया। नगर निगम ने इसे अवैध बता तोड़ दिया। इस पर बुधवार को मेट्रो व नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। मेट्रो अधिकारियों ने कहा कि वे किसी मकान तोड़ते और बनाते समय वैध, अवैध नहीं देखते। जलकल के आगे आंबेडकर बस्ती है, वहां भी कुछ अवैध मकान मेट्रो के रूट में आ रहे हैं। अब नगर निगम उन कब्जों को तोड़कर मेट्रो को जगह मुहैया कराए वरना काम नहीं हो पाएगा।

मेट्रो भी खुलकर सामने आया

मेट्रो के जनसंपर्क अधिकारी व उप महाप्रबंधक पंचानन मिश्रा के मुताबिक नगर निगम ने यह आरोप लगाया है कि यूपीएमआरसी ने बेनाझाबर के पास जिन मकानों को अपने निर्माण के लिए क्षतिग्रस्त किया था, वह दोबारा उनका निर्माण बिना नींव बनाए कर रहा है जबकि मेट्रो किसी मकान की नींव क्षतिग्रस्त नहीं करता। वहां जो मकान थे, उनके वैध-अवैध का निर्धारण मेट्रो के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

मेडिकल कालेज के विवाद पर उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज परिसर में मेट्रो के निर्माण का कुछ हिस्सा आ रहा है। उसके लिए मेडिकल कालेज की दीवार को तोड़ा था। इसे दोबारा बनाकर दिया जा रहा है। अब मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संजय काला मेट्रो से अंडरपास और स्पोट्र्स कांप्लेक्स बनाने की अतिरिक्त मांग कर रहे हैं जबकि मेडिकल कालेज प्रशासन के साथ मेट्रो का ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था।

इसके अलावा नगर निगम ने 106 करोड़ रुपये की मांग की है, यह वास्तविक नहीं बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया आंकड़ा है। नगर निगम की जिन परिसंपत्तियों को स्थाई या अस्थाई रूप से उपयोग में लाया गया या उसका अधिग्रहण किया, उनके बदले निर्धारित प्रभार इससे काफी कम हैं और नियमानुसार निर्धारित हर भुगतान को मेट्रो तैयार है। तुलसी उपवन का कुछ हिस्सा मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए स्थाई रूप से लिया गया है। इसके बदले जो भुगतान देय होगा, मेट्रो उसे देगा। नगर निगम की जिन परिसंपत्तियों को यूपीएमआरसी ने क्षतिग्रस्त किया, उन्हें या तो दोबारा बना दिया या भुगतान पहले ही कर दिया गया है। अभी नगर निगम के साथ यूपीएमआरसी सर्वेक्षण करा रहा है। इसके बाद देनदारी का निर्धारण सरकारी नीतियों के अनुसार होगा।

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