नई दिल्ली, NOI:  भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट मैच मैनचेस्टर में शुक्रवार से खेला जाएगा, लेकिन इससे ठीक पहले टीम इंडिया के सहायक फिजियोथेरेपिस्ट योगेश परमार बुधवार कोविड-19 पाजिटिव पाए गए थे। इसके बाद उनका आटी-पीसीआर टेस्ट भी पाजिटिव आया था। परमार लगातार भारतीय खिलाड़ियों के संपर्क में रहे हैं और गुरुवार को टीम इंडिया की प्रैक्टिस भी रद कर दी गई थी। इसके बाद बीसीसीआइ और इसीबी के बीच चर्चा जारी है कि, इस सीरीज को जारी रखना चाहिए या फिर इसे कैंसल कर देना चाहिए। 

बीसीसीआइ के लिए भारतीय खिलाड़ियों को सिर्फ इस टेस्ट सीरीज तक ही सुरक्षित रखने की चुनौती नहीं है। इस टेस्ट सीरीज के पांच दिन के बाद आइपीएल पार्ट टू का आयोजन यूएई में किया जाना है। आइपीएल खत्म होने के बाद टी20 वर्ल्ड कप यूएई में ही 19 अक्टूबर से खेला जाएगा। वहीं यूएई में आइपीएल में हिस्सा लेने वाली सभी आठ फ्रेंचाइजी पहले से ही मौजूद हैं और उनके बायो-बबल में इंग्लैंड से आने वाले खिलाड़ियों को भी शामिल होना है। इस बायो-बबल में सिर्फ भारतीय खिलाड़ी ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ियों को भी शामिल होना है।

इन हालात में और आगे के शेड्यूल को देखते हुए बीसीसीआइ और ईसीबी को इस पर कोई फैसला करना ही होगा क्योंकि इंडियंस कैंप में कोविड 19 महामारी घुस चुकी है। अगर इसके बावजूद भी टेस्ट सीरीज जारी रखा गया तो इसका असर आइपीएल पर पड़ सकता है। टीओआइ से बात करते हुए एक सूत्र ने कहा कि, जिस तरह के हालात हैं उसमें हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि इस पर फैसला लेने के लिए सबका विचार एक सा होना चाहिए। सूत्र ने कहा कि, इसके बारे में सही तरीके से पता लगाने के लिए हर खिलाड़ी करो आइसोलेट किए जाने की जरूरत है साथ ही सबका कोविड टेस्ट रोजाना करवाया जाए और ये कम के कम एक सप्ताह तक जरूर हो।

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