बरेली, NOI, Bareilly Indrustrial Hub : रबर फैक्ट्री की जमीन पर इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए वहां की जमीन पर कब्जा लेने की तैयारी प्रशासन कर रहा है। इससे पहले प्रशासन को फैक्ट्री से संबंधित तमाम भुगतान करने होंगे। इसी क्रम में शुक्रवार को एडीएम वित्त मनोज कुमार ने रबर फैक्ट्री के कर्मचारियों के साथ बैठक की। इसमें वहां के कर्मचारियों की करीब 270 करोड़ की देनदारी सामने आई।

सिंथेटिक्स एंड केमिकल (रबर फैक्ट्री) की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया गया कि कारखाना में आज तक बंदी घोषित नहीं की गई है। कारखाने में मजदूर आज तक सवेतनिक अवकाश पर है। इसे श्रम विभाग ने भी माना है। 15 जुलाई 1999 की रात दस बजे अचानक कारखाना बंद कर सवेतनिक अवकाश का नोटिस लगाकर मजदूरों को घर भेज कारखाना हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।

इसके बाद हर 15 दिन में एक नोटिस निकलता था कि कारखाना अगले 15 दिन बाद चलेगा। बुलाने पर पूरा वेतन दिया जाएगा। बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आगे तक के वेतन भुगतान की आरसी जारी करने के निर्देश श्रम विभाग को दिया। श्रम विभाग ने 2001 दिसंबर तक की आरसी जारी की। 12 जुलाई 2002 को वित्तीय संस्थाओं ने रबर फैक्ट्री की संपूर्ण संपत्ति को बांबे उच्च न्यायालय में देकर रिसीवर नियुक्त कर दिया।

तब आरसी श्रम विभाग को वापस कर दी गई। इधर, मजदूरों के सभी भुगतान की सूची बनाई गई है। इसमें 944 वर्कमैन और बाकी सुपरवाइजर मिलाकर 1443 कर्मचारी हैं, जिनका करीब 270 करोड़ रुपये का क्लेम बनता है।

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