नई दिल्ली, NOI: भारत की आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री पीटर डटन के साथ टू प्लस टू वार्ता चल रही है। इसमें भारत की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भाग ले रहे हैं। यह वार्ता 12 सितंबर तक चलेगी। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच यह पहली टू प्लस टू वार्ता है। इसके बारे में 4 जून, 2020 को दोनों देशों की बैठक में फैसला किया गया था। इसमें दोनों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणीतिक साझेदारी के तहत रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूती देने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे डिफेंस इंगेजमेंट्स के प्लेटफार्म की इंटरापरेबिलिटी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। द्विपक्षीय और बहुपक्षीय इंगेजमेंट्स में ज्वाइंट एक्सरसाइजेज से हमारी सेनाओं की काम्पलेक्सिटी और सिनर्जी में भी काफी वृद्धि हुई है। हम आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, अनमैनड वीकल्स और अन्य विशेष तकनीक सहित रक्षा उद्योग में सहयोग के लिए भी नए क्षेत्रों को एक्सप्लोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

टू प्लस टू वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब एक महामारी के साथ-साथ हमारे पास एक भू-राजनीतिक वातावरण है जो तेजी से प्रवाह में है और हमें अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त रूप से द्विपक्षीय रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, 'विदेश मंत्री डां एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-आस्ट्रेलिया 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए अपने आस्ट्रेलियाई समकक्षों विदोश मंत्री मारिस पायने और आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन का स्वागत किया। वार्ता का एजेंडे में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे शामिल हैं।

इसके अलावा आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री शाम करीब साढ़े चार बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनके 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे। पायने ने सुबह 10:30 बजे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद जयशंकर से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। इसके बाद वह दोपहर 3 बजे जवाहरलाल नेहरू भवन में एक प्रेस कान्फ्रेंस में भी शामिल होंगी।

मैरिस पायने ने शुक्रवार को कहा कि हाल के दिनों में चीन ने रिश्तों में चुनौतियां पेश की हैं और उसके कुछ कामों ने उनके देश के राष्ट्रीय हितों को खतरे में डाला है। आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीसरे हिंद-प्रशांत व्याख्यान में पायने से जब आस्ट्रेलिया की चीन नीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हाल के दिनों में हमने देखा है कि चीन ने निश्चित रूप से रिश्तों में चुनौतियां पेश की हैं। क्योंकि हमने उसके कुछ कामों को आस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा माना है। ऐसे कई काम हैं जिनको कैनबरा में राजनयिकों ने सार्वजनिक रूप से गिनाया है। उन्हें कैनबरा में चीनी दूतावास द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराया गया था।'

उन्होंने आगे कहा, 'जो देश स्वतंत्र मीडिया का सम्मान करते हैं वे उस पर प्रतिबंध के लिए सहमत नहीं होंगे। जो देश थिंक टैंक और विश्वविद्यालयों जैसे संस्थानों की आजादी का सम्मान करते हैं, वे उन पर बंदिशें लगाने पर सहमत नहीं होंगे। जो देश साइबर स्पेस और अन्य क्षेत्रों में अपनी सुरक्षा की रक्षा करते हैं, वे ऐसा करने पर सहमत नहीं होंगे। और जब हम कहते हैं कि हमारे राष्ट्रीय हित ऐसे कामों से आगे नहीं बढ़ते तो हम हमेशा ऐसा कहेंगे।'

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement