राष्ट्रीय महिला आयोग ने सोनिया गांधी से की अपील, महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं पंजाब के मुख्यमंत्री, उन्हें पद से हटाया जाए
नई दिल्ली, NOI: पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर एक अलग ही बवाल शुरू हो गया है। चन्नी के खिलाफ महिला के साथ छेड़छाड़ का पुराना मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि 2018 में मी टू मूवमेंट (Me Too movement) के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। राज्य महिला आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और उन्हें हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आज उन्हें एक महिला के नेतृत्व वाली पार्टी ने पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया है। यह विश्वासघात है। वह महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। वह मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं है। मैं सोनिया गांधी से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का आग्रह करती हूं।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी चन्नी पर साधा निशाना
भाजपा नेता और पार्टी के आइटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना, जिन्होंने तीन साल पुराने ‘मी टू’ मामले में कार्रवाई का सामना किया था। उन्होंने कथित तौर पर वर्ष 2018 में एक महिला आईएएस अधिकारी को अनुचित संदेश भेजा था। उस मामले को दबा दिया गया था, लेकिन पंजाब महिला आयोग द्वारा नोटिस भेजने के बाद दोबारा सामने आया। बहुत बढ़िया, राहुल।’
बता दें कि पंजाब में कैप्टन अमरिंद सिंह के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाया है। चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक बने हैं। साल 2007 में चन्नी ने पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा का चुनाव जीता था। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें कांग्रेस में शामिल कराया था। साल 2012 का विधानसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीता था और अब वो राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
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