नई दिल्ली,NOI: पूर्व केंद्रीय मंत्रियों व कांग्रेस नेता जयराम रमेश और शशि थरूर ने ब्रिटेन के कोरोना से संबंधित यात्रा नियमों की सोमवार को जमकर आलोचना की। इन नियमों के तहत कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके भारतीयों के साथ भी बिना वैक्सीन लगवाए व्यक्ति जैसा सुलूक किया जाएगा। जयराम रमेश का कहना है कि इन नियमों से नस्लवाद की बू आती है। इंग्लैंड के अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों के तहत भारतीयों समेत बिना अधिकृत वैक्सीन लगवाए हुए यात्रियों को अभी भी रवाना होने से पहले टेस्ट कराना होगा, इसके बाद आगमन के दूसरे और आठवें दिन पीसीआर टेस्ट कराना होगा, देश में प्रवेश के बाद 10 दिनों तक अपने दिए गए पते पर खुद को आइसोलेट करना होगा।

जयराम रमेश ने कहा, नियमों से आ रही नस्लवाद की बू

इन नियमों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, 'कोविशील्ड का टीका ब्रिटेन में विकसित हुआ था और भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन में भी इस टीके की अपूर्ति की है। इसको देखते हुए यह फैसला अजीबो-गरीब लगता है। इसमें नस्लवाद की बू आती है।' नियमों को बताने वाले ट्वीट को टैग करते हुए थरूर ने भी वैक्सीन लगवा चुके भारतीयों पर प्रतिबंधों की आलोचना की और कहा, 'इस वजह से मैंने कैंब्रिज यूनियन डिबेटिंग सोसायटी की डिबेट और अपनी किताब द बैटल आफ बिलांगिंग के ब्रिटिश संस्करण के विमोचन समारोह से खुद को अलग कर लिया है। वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके भारतीयों से क्वारंटाइन के लिए कहना आपत्तिजनक है। ब्रितानी समीक्षा कर रहे हैं!'

बता दें कि कोरोना से खतरे के स्तर के आधार पर लाल, पीली और हरी सूची के देशों की व्यवस्था ब्रिटेन में चार अक्टूबर से खत्म हो जाएगी और सिर्फ लाल सूची रह जाएगी। भारत फिलहाल पीली सूची में है। इस सूची के खत्म होने से ब्रिटेन में वैक्सीन लगवा चुके भारतीयों का अनिवार्य पीसीआर टेस्ट करवाने का खर्च कम हो जाएगा।

इंग्लैंड ने जिन देशों की वैक्सीन को मान्यता दी है, उस सूची में भारत का नाम नहीं है। इसका मतलब है कि कोविशील्ड (सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित आक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन) लगवा चुके भारतीयों को अभी भी बिना वैक्सीन लगवाए लोगों की तरह अनिवार्य प्रतिबंधों से गुजरना होगा। ब्रिटेन में यह व्यवस्था इस साल के आखिर तक रहने की संभावना है और नए साल की शुरुआत में इसकी समीक्षा किए जाने की योजना है।

ब्रिटेन ने जिन देशों को नियमों से छूट दी है उनमें आस्ट्रेलिया, बहरीन, इजरायल, सऊदी अरब, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल हैं जबकि इन देशों में भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (भारत में कोविशील्ड नाम से उत्पादित) ही इस्तेमाल की जा रही है।

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