अलीगढ़, NOI :  भवन के हर कमरे की दीवारों पर अंग्रेजी-हिंदी वर्णमाला की थ्री डी पेंटिंग। एक तरफ फल व पशुओं के बने विभिन्न चित्र। दूसरी ओर दीवार पर टंगा स्मार्ट बोर्ड। बीच में बच्चों के बैठने के लिए पड़ी छोटी-छोटी कुर्सियां। पंखा व रंग बिरंगी लाइटों की रोशनी। पानी के लिए हर कमरे में कैंप की व्यवस्था। शिक्षक के लिए एक विशेष कुर्सी व टेबल। आप सोच रहे होंगे कि यह किसी प्राइवेट प्ले स्कूल की बात हो रही, लेकिन हकीकत में यह सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र की तस्वीर है। जिले में सौ से अधिक आंगनबाड़ी इसी तरह स्मार्ट हो चुके हैं। बाकी अन्य पर भी काम चल रहा है। अब जल्द ही इन केंद्रों पर बच्चे भी पढ़ते व मुस्कराते हुए दिखाई देंगे।

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इस तरह हुआ बदलाव

जिले में कुल 3039 आंगनबाड़ी केंद्र हैंं। इन केंद्रों पर करीब साढ़े तीन लाख नौनिहाल पंजीकृत हैं। सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों से नौनिहालों को पोषण देने के साथ ही शिक्षा से जोड़ने का भी काम करती है। कुछ महीने पहले तक जिले में अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों की हालात काफी जर्जर थी। कहीं दीवारों पर धूल जम रही थी तो कहीं लाइट की ही व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में पिछले दिनों राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के कई आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया। इस पर उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों के सुंदरीकरण का सुझाव दिया था। जिले में सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने राज्यपाल के इन निर्देशों पर विभागीय अफसरों के साथ बैठक की। इसमें इन्होंने ग्राम निधि से आंगनाबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में तब्दील करने के निर्देश दिए।

शुरू हुई मुहिम

ढाई महीने पहले जुलाई से जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट बनाने की मुहिम शुरू हो गई। इन केंद्रों पर फर्नीचर, पुस्तकें, खिलौने और दीवार पर थ्री पेंटिंग का कार्य किया जा रहा है। हर केंद्र पर औसतन 50 हजार रुपये की धनराशि ग्राम निधि से खर्च हो रही हैं। बच्चों के बैठने से लेकर खेल-खेल में पढ़ने तक की पूरी व्यवस्था की जा रही है। जिले में अब तक सौ से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र स्मार्ट हो चुके हैं।

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