CM योगी आदित्यनाथ ने महंत नरेन्द्र गिरि को दी श्रद्धांजलि, बोले-सामने लाया जाएगा संदिग्ध मौत का सच
प्रयागराज, NOI : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष तथा निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत से सभी स्तब्ध हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज में महंत नरेन्द्र गिरि की पार्थिव देह का अंतिम दर्शन करने के साथ ही उनको अपनी श्रद्धांजलि भी दी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि के आवास श्री मठ बाघम्बरी में जाकर उनको श्रद्धांजलि दी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी पार्थिव देह का अंतिम दर्शन करने के साथ वहां पर शोकाकुल महंतों तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सदस्यों को सच सामने लाने का भी भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले में महंत की संदिग्ध मौत से पहले जिन जिन लोगों से बात हुई है उन सभी के नंबर निकाल कर पुलिस उनसे पूछताछ करेगी। महंत नरेंद्र गिरि की मोबाइल पर कई अहम सुराग भी मिले हैं, जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महंत नरेन्द्र गिरि जी की मृत्यु के मामले में बहुत साक्ष्य एकत्र कर लिए गए हैं। इसके बाद भी प्रदेश पुलिस कई वरिष्ठ अधिकारी अभी भी कुछ सच सामने लाने में जुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि महंत जी की मौत के मामले में एक-एक सच को सामने लाया जाएगा। आप सभी को मैं भरोसा दिलाता हूं की महंत नरेन्द्र गिरि की मौत का प्रकरण संदिग्ध नहीं रहेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मठ में मौजूद सभी संतों से इस प्रकरण को लेकर अनावश्यक बयानबाजी से बचने की अपील भी की है। एडीजी जोन, आइजी रेंज व डीआइजी प्रयागराज एक टीम के रूप में इस घटना की जांच में जुटे हैं। दोषी अवश्य सजा पाएगा। इस संवेदनशील प्रकरण में अनावश्यक बयानबाजी से बचा जाए। जिम्मेदार को कानून के दायरे में लाकर कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की दुखद घटना से हम सभी दुखी हैं। संत समाज व प्रदेश सरकार की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि देने आया हूं। यह आध्यात्मिक व धार्मिक समाज की अपूरणीय क्षति है। अखाड़ा परिषद व संत समाज की जो सेवा उन्होंने की वो अविस्मरणीय है। 2019 कुंभ की भव्यता को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में उनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ था। मान-अपमान की चिंता किए बगैर प्रयागराज कुंभ की भव्यता के लिए उन्होंने अपना पूरा समर्पण दिया था। उनकी इच्छा थी कि प्रधानमंत्री कुंभ में प्रयागराज पधारें, वो आए भी। नरेंद्र गिरि प्रयागराज के विकास को लेकर तत्पर रहते थे। कुंभ में आए श्रद्धालुओं की व्यवस्था और 13 अखाड़ों के बीच समन्वय और आए संतों की व्यवस्था के प्रति लगे रहते थे। साधु समाज, मठ-मंदिर की समस्याओं को लेकर उनका सहयोग प्राप्त होता था। उनके संकल्पों को पूरा करने की शक्ति उनके अनुयायियों को मिले। मंगलवार को पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए मठ में रखा रहेगा और पोस्टमार्टम व समाधि की प्रक्रिया बुधवार को पूरी की जाएगी। लखनऊ से सुबह कई कार्यक्रम स्थगित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज पहुंचे और फिर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की पार्थिव देह का अंतिम दर्शन करने के बाद उनको श्रद्धांजलि दी।
देश में संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की सोमवार शाम प्रयागराज में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव अल्लापुर में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में मिला। मौत की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है लेकिन कहा जा रहा है कि उन्होंने फंदे से लटककर आत्महत्या की है। मौके से आठ पेज का सुसाइड नोट मिला है। आइजी केपी सिंह के अनुसार सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे पर परेशान करने का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महंत की मौत को दुखदायी बताया है।
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