सीसीटीवी फुटेज का नजारा देख दंग रह गई पुलिस, ड्रिल मशीन के साथ दिखे बैंक मैनेजर और लाकर इंचार्ज | NOI
दस अतिरिक्त लाकर तोड़े डाले
लाकर कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस को जो बताया है कि उसके मुताबिक जो रिकार्ड में बताया जा रहा है, वह गलत है। उस दिन 29 नहीं बल्कि 39 लाकर तोड़े गए थे। यानी निष्प्रयोज्य लाकर तोड़े जाने की आड़ में ऐसे लाकर भी तुड़वा दिए गए जो कि एक्टिव थे। माना जा रहा है कि चिन्हित लाकर से जो मिला वह सरकारी खजाने में जमा करा दिया, जबकि अन्य दस के लाकर का सामान दोनों अधिकारी दबा गए। कंपनी के कर्मचारियों ने उन दस लाकरों की शिनाख्त भी करा दी है, जो कि अतिरिक्त थे।
दो लाकर धारक झूठ बोल रहे, जबकि तीन अभी बाकी
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस पड़ताल के बाद जो सामने आया कि अब तक सामने आए नौ लाकर धारकों में से दो जेवर चोरी होने का झूठा आरोप लगा रहे हैं। पुलिस उस दिशा में भी काम कर रही है। वहीं तीन ऐसे लाकर धारक हैं, जो कि अभी तक नहीं आए हैं। पुलिस जल्द ही उनसे संपर्क कर लाकर खोलने के लिए कहेगी।
14 मार्च नहीं बल्कि जनवरी में सामने आया था पहला मामलाअब तक यही माना जा रहा था कि सेंट्रल बैंक के लाकर से जेवर चोरी का पहला मामला 14 मार्च को सामने आया है, लेकिन ऐसा नहीं है। पहला मामला जनवरी को सामने आया था। सीता देवी को जनवरी में ही पता चल गया था कि उनके लाकर से जेवर चोरी हो गए हैं। उन्हें बैंक अधिकारियों ने धमका कर भगा दिया गया था। मंजू भट्टाचार्य के मामले मुकदमा दर्ज होने के बाद सीता पुलिस अधिकारियों के पास पहुंची थी।
केस नंबर 35 में मर्ज होंगे सभी मुकदमा
फीलखाना थानाप्रभारी वीरपाल सिंह ने बताया कि लाकर से जेवर चोरी होने के मामलों में अब कोई नई एफआरआइ नहीं होगी। शकुंतला देवी के मुकदमे में ही सभी शिकायतों को शामिल कर एक साथ जांच की जाएगी।
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