लखनऊ, NOI : लखनऊ में एक ऐसी सड़क बनने जा रही है जो आपको तरावट देगी। गर्मी में छांव देगी और उसके पास खड़े होंगे तो आपको आक्सीजन भी मिल सकेगा। शहीद पथ के पास की एक सड़क पर साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हरित पट्टी बनने जा रही है, जो पचास मीटर चौड़ी होगी। यहां अधिक आक्सीजन देने वाले ही पेड़ लगाए जाएंगे। छह फीट ऊंचे ये पेड़ तो लगेंगे, साथ ही आसपास जो जगह बचेगी, वहां छोटे प्रजाति के भी पौधे लगाकर उसे सुंदर बनाया जाएगा, जिससे वहां लोग आकर फूलों व अन्य प्रजातियों के पौधों के साथ कुछ समय भी बिता सकें।

22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस पर हरित पट्टी बननी शुरू होगी। गोमतीनगर विस्तार में इकाना क्रिकेट स्टेडियम के पीछे से हरित पट्टी बनाई जाएगी, जो डबल डिवाइडर रोड से चक गजरिया एससीएल (हिंदुस्तान कंप्यूटर लिमिटेड) तक जाएगी। वैसे तो इस क्षेत्र में हरियाली है लेकिन साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हरित पट्टी बन जाने से यह इलाका अब आक्सीजन का बड़ा हब बन जाएगा। खास बात यह है कि हरित पट्टी पचास मीटर चौड़ाई में होगी। इसमे अधिक आक्सीजन देने वाले ही पेड़ लगाए जाएंगे, जिसमें पीपल, पाकड़, जामुन, बरगद और अर्जुन के ही पेड़ लगेंगे।

प्रभागीय वनाधिकारी (अवध) डा. रवि कुमार सिंह का कहना है कि एससीएल के सहयोग से ही यह हरित पट्टी तैयार की जा रही है, जिसमें एससीएल बीस लाख रुपये खर्च करेगा। वन विभाग ने अपनी सभी नर्सरी से पांच सौ से अधिक पेड़ सुरक्षित कर लिए हैं और पृथ्वी दिवस पर हरित पट्टी बनाने का शुभारंभ होगा। छह फीट ऊंचे पेड़ होंगे और पेड़ों के आसपास की जगह फूल वाले और अन्य प्रजाति के पौधे लगाकर उसे सुंदर बनाया जाएगा, जिससे लोग वहां आकर आनंद ले सकें।

एक हेक्टेयर वन प्रति वर्ष औसत तीन मैट्रिक टन अशुद्ध वायु ग्रहण कर एक मैट्रिक टन शुद्ध वायु देता है। बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़ा तक की सड़क को ठंडी सड़क का नाम दिया गया था। सड़क के दोनों तरफ छायादार घने वृक्ष थे। यही हाल पक्के पुल से सीतापुर रोड का था। शिया कॉलेज के पास घने दरख्त ऐसे दिखते थे मानो कोई गुफा हो। मई-जून की तपिश में तमाम रिक्शे वालों से लेकर राहगीर तक तरावट लेते नजर आते थे लेकिन आरी चलने से अब यह सड़क गर्मी में तपिश भरी हो गई है।

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