कानपुर, NOI : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की स्नातक और परास्नातक वार्षिक परीक्षाओं चल रही हैं। वहीं,परीक्षा केंद्रों में नकल माफिया हावी है, जिसके सामने विश्वविद्यालय प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। अभी तक छह केंद्रों में सामूहिक नकल की सूचना पर परीक्षा निरस्त की जा चुकी है।

हाईटेक होने का ढिंढोरा पीट रहा छत्रपति शाहू जी महाराज विवि प्रशासन नकल माफिया के आगे फेल साबित हो रहा है। वाइस रिकॉर्डर सीसीटीवी कैमरों से लैस परीक्षा केंद्र और इन केंद्रों की मॉनीटरिंग में लगे दो सौ कैमरे भी नकल नहीं रोक पा रहे हैं। यही कारण रहा कि शनिवार को छह परीक्षा केंद्रों में सामूहिक नकल होते मिली। यहां पर कैमरे का ऑडियो म्यूट करके बोल-बोलकर नकल कराई जा रही थी।
विवि की वार्षिक परीक्षाएं 12 मई से चल रही हैं। अभी तक छह केंद्रों में सामूहिक नकल की सूचना पर परीक्षा निरस्त की जा चुकी है। 11 जिलों में 468 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। 68 नोडल सेंटर हैं, जहां से केंद्रों को हर पाली में जाकर पेपर लेना होता है। इतनी व्यवस्था के बावजूद नकल धड़ल्ले से हो रही है।

कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी रोज परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों के ऑडियो म्यूट होने या बंद होने की सूचना देते हैं। फोन करके इन्हें शुरू कराया जाता है, फिर भी छह केंद्रों में सामूहिक नकल इन सभी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ी करती है।

नकल माफिया इतने बेखौफ हैं कि पूरा प्रश्नपत्र हल करके उसकी फोटोकॉपी कराकर हर कमरे के बाहर लोगों को तैनात कर बोल बोलकर नकल करा रहे हैं। प्रकाश महाविद्यालय बरौना, हरदोई में नकल पकड़ने वाले आब्जर्वर डॉ. प्रभात ने बताया कि टीम के पहुंचते ही कमरे के बाहर खड़े लोग उत्तर लिखे कागजों को छोड़कर भाग निकले थे। नकल के इन पन्नों को विवि को सौंप दिया गया है।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि विवि ने नकल रोकने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मूल्यांकन के दौरान भी सामूहिक नकल कराने वाले सामने आ जाएंगे, तब भी परीक्षा निरस्त की जा सकती है।

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