पहले छेड़छाड़ फिर धमकी देकर करते थे दुष्कर्म, पीड़िता के बयान सुन पुलिस भी रह गई सन्न | न्यूज़ आउटलुक
कानपुर, NOI : कानपुर यतीमखाना में रहने वाली दुष्कर्म की शिकार किशोरी ने जब मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने शुरू किए, तो पुलिस के भी पसीने छूट गए। किशोरी बोली छोटे भाई दाऊद ने गोद ली हुई लड़की बोल पहले छेड़खानी की। फिर बदनाम करने की धमकी देकर दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत जब बड़े भाई सऊद से की, तो उसने भी मेरी मजबूरी का फायदा उठाकर मेरे साथ संबंध बनाने शुरू कर दिए।
इस दौरान दोनों ने अलग अलग अश्लील वीडियो भी बना लिए। इसके बाद दो साल तक दरिंदगी की। बदनामी के डर से मैं खामोश रही। शिकायत पर 2019 में सौतेले माता पिता ने कानपुर के यतीमखाना में बच्ची को डाल दिया था। बीती 14 अगस्त की रात को पिता से न मिलने देने पर उसने अपने हाथ की नस काट सुसाइड का प्रयास किया। पुलिस ने मामले में 16 अगस्त को दोनों भाइयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
शनिवार को आपके सामने लाया गया। बयान सुनते ही मजिस्ट्रेट ने पुलिस को फटकार लगाई। बता दें बांदा निवासी नौ साल की बच्ची को बजरिया थाना क्षेत्र के नाला रोड निवासी दंपती ने 2015 में गोद लिया था। वर्तमान में उसकी उम्र 16 साल है। वर्ष 2019 में दंपती ने उसे यतीमखाना में डाल दिया था। तब से वह वहीं रह रही थी। 14 अगस्त की रात उसने अपने हाथ की नस काट ली थी। जब वह उर्सला में भर्ती हुई थी, तो उसने आपबीती बताई थी।
दो दिनों तक पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। मामले की जानकारी होने की बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे रही। पुलिस ने मामले में न तो कार्रवाई की थी और न ही उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। जब बीते मंगलवार को सोशल मीडिया पर मामले ने तूल पकड़ा, तो पुलिस ने 16 अप्रैल को आनन फानन में एफआईआर दर्ज कर लिया। मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि के बाद दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बता दें कि कानपुर के यतीमखाना में रहने वाली किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दोनों सगे भाइयों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया, जहां वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों की मां ने पीड़िता को अवैध तरीके से गोद लिया था। कानपुर यतीमखाना प्रशासन से तथ्य छिपाए और घटना से संबंधित साक्ष्य भी मिटाए।
इसलिए पुलिस ने उसको भी आरोपी बनाया है। हिरासत में लेकर महिला से पूछताछ जारी है। नाला रोड निवासी महबूब (एक साल पहले निधन हो चुका है) व उनकी पत्नी शाहजहां ने बांदा के यतीमखाना से 2015 में नौ साल की बच्ची को गोद लिया था। दो वर्ष बाद दंपती के बेटे दाउद व सऊद बच्ची के साथ दुष्कर्म करने लगे थे। जानकारी होने पर 2019 में दंपती ने कानपुर के यतीमखाना में बच्ची को डाल दिया था।
बीती 14 अगस्त की रात को पिता से न मिलने देने पर बच्ची ने हाथ की नस काट ली थी। तब उसने दुष्कर्म समेत पूरी आपबीती बताई थी, जिसके बाद मंगलवार को बजरिया पुलिस ने दाउद व सऊद के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर देर रात गिरफ्तार कर लिया था। बजरिया इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपियों से कई घंटे की पूछताछ की गई। दुष्कर्म की बात आरोपियों ने कबूल की है। पूछताछ के बाद आरोपी जेल भेजे गए हैं।
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