कानपुर, NOI : कानपुर में धर्मांतरण के चार मामलों की जांच कर रही पुलिस को पादरियों का कनेक्शन साउथ कोरिया से मिला है। हालांकि, उन्हें साउथ कोरिया से फंडिंग के साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन घाटमपुर, चकेरी, कर्नलगंज और रावतपुर में धर्मांतरण के लिए कराई गईं प्रार्थना सभाओं की जांच में खुलासा हुआ है।

धर्मांतरण कराने वाले पूरे गिरोह के भंडाफोड़ के लिए कमिश्नरी पुलिस जल्द एसआईटी का गठन भी कर सकती है। शहर में धर्मांतरण के अब तक चार बड़े मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इसी साल जनवरी माह में घाटमपुर में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसमें अनिल नाम के पादरी की गिरफ्तारी हुई थी।

10 मार्च 2023 को दूसरा मामला श्यामनगर में मिला, जिसमें चकेरी थाने में पादरी व उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। दो लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। तीसरा मामला रावतपुर की थारू बस्ती का था, जिसमें अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

कर्नलगंज से पादरी की गिरफ्तारी
हालांकि, अज्ञात की अब तक पहचान नहीं हो सकी। वहीं, चौथा मामला 26 जून को कर्नलगंज में दर्ज किया गया। इसमें पादरी की गिरफ्तारी की गई। पूछताछ में पादरी ने शहर में फैले धर्मांतरण के खेल की जानकारी दी थी। बताया कि प्रचार प्रसार के लिए चर्चों के साथ ही लोगों के घरों में भी प्रेयर और सभाओं का आयोजन किया जाता है।

जेल में हुई पादरी से पूछताछ
कर्नलगंज में गिरफ्तारी किए गए पादरी अमित लायल से पुलिस ने जेल में जाकर पूछताछ की। अमित ने बताया कि शहर की गरीब बस्तियों में वे जाकर धर्म का प्रचार करते हैं। इस प्रचार के दौरान धर्मांतरण के इच्छुक लोगों को ईसाई धर्म की दीक्षा दी जाती है। प्रेयर करने के बाद होली वॉटर भी दिया जाता है। समाज के लोग उनकी नौकरी, बीमारी और गरीबी को दूर करने और रहने के लिए घर का इंतजाम भी करते हैं।

एलआईयू व एजेंसियों को किया गया सक्रिय
जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि शहर में धर्मांतरण की जड़ों को खंगालने के लिए एलआईयू व जांच लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करना गलत है। इसके साक्ष्य जुटाने को भी कहा गया है। यदि कभी भी ऐसे साक्ष्य मिलते हैं तो तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

कोरियाई भाषा में मिला था लिट्रेचर
पुलिस की जांच में घाटमपुर में धर्मांतरण का प्रकरण मुख्य माना जा रहा है। उसके कनेक्शन अन्य तीन मामलों से भी जोड़ा है। चकेरी में धर्मांतरण प्रकरण की जांच कर रहे एसीपी अमरनाथ यादव ने बताया कि पादरी के पास से जब्त किए लिट्रेचर साउथ कोरियाई भाषा में था। वहीं, अन्य मामलों में भी इसी भाषा में लिखे गए लिट्रेचर मिले हैं।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement