रांची, NOI : टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हाकी टीम ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस तरह का शर्मनाक प्रदर्शन किया है उसे देख लगता है कि इस बार भी पदक हमलोगों से दूर ही ना रह जाए। भारतीय टीम का प्रदर्शन को देख कहा जा सकता है कि आगे के मैचों में उसे अपने प्रदर्शन में काफी सुधार लाना होगा। कुछ ऐसी ही स्थिति झारखंड में पुरुष हाकी की है। झारखंड की महिलाओं ने हाकी में अपना अलग दबदबा बनाया है लेकिन यह बात पुरुष हाकी के बारे में नहीं कही जा सकती।

झारखंड की पुरुष हाकी टीम नेशनल स्तर पर भी अपनी पहचान नहीं बना पाई है। पूर्व ओलिंपियन सिलवानुस डुंगडुंग ने कहा नेशनल चैंपियनशिप में हम टाप आठ में आने के लिए स ंघर्ष करते हैं। राज्य मे कहींं भी हाकी लीग का आयोजन नहीं होता है। ऐसे में आप पुरुष टीम से बेहतर करने की आशा कैसे कर सकते हैं। पुरुष टीम को मजबूत क रने के लिए हमें जमीनी स्तर से इसकी शुरुआत करनी होगी और यह करने में वक्त लगेगा। राज्य सरकार व खेल संघ मिलकर इस दिशा में काम करें तो आने वाले समय में बेहतर परिणाम मिल सकते हैं

वहीं हाकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने कहा पुरुष हाकी को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी योजना बनाई जा रही है। जल्द ही परिणाम सामने नजर आयेगा। उन्होंने कहा जूनियर स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी सीनियर टीम में आते आते या तो दूसरे राज्य में चले जाते हैं या फिर हाकी छोड़ देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है रोजगार। सभी अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। उन्हें अगर रोजगार प्रदेश में मिले तो पुरुष हाकी भी बेहतर परिणाम देगी।

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