नई दिल्ली, NOI :- मौजूदा समय में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी महंगी हो चुकी हैं कि अगर किसी व्यक्ति के पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो उसके लिए किसी इमरजेंसी की स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च उठाना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में हर व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह हेल्थ इंश्योरेंस ले। हालांकि, कई बार लोगों का हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट (खारिज) भी हो जाता है, जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले लोगों को यह समझना होगा कि आखिर आमतौर पर किन-किन कारणों से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, क्लेम रिजेक्ट करती हैं। तो चलिए आज आपको इन कारणों के बारे में जानकारी देती हैं।

क्लेम प्रोसेसिंग और डॉक्यूमेंट

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी दो पक्षों (बीमा लेने वाला और बीमा देने वाली कंपनी) के बीच एक अनुबंध की तरह होती है। इसीलिए, क्लेम करने के पूरे प्रोसेस का अच्छी तरह से पालन करना चाहिए। कई बार देखा जाता है कि बीमा लेने वाले व्यक्ति एप्लिकेशन फॉर्म को सही से नहीं भरते हैं या अधूरा ही छोड़ देते हैं। इसके अलावा, सभी जरूरी डॉक्यूमेंट भी नहीं देते हैं। यह क्लेम खारिज होने का कारण होता है।

पुरानी बीमारी की जानकारी छिपाना

कुछ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में पुरानी बीमारी को कवर नहीं किया जाता है। यदि आप किसी पुरानी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं तो आपकी स्वास्थ्य बीमा कंपनी आपको उपचार की लागत के लिए कवर नहीं करेगी। ऐसे में अगर आप स्वास्थ्य बीमे के तहत कवर के लिए दावा करते हैं, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि यह खारिज हो जाएगा।

पॉलिसी का रिन्यू न होना

एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आमतौर पर एक साल की अवधि के लिए वैध होती है। एक वर्ष के अंत में पॉलिसी समाप्त हो जाती है। तो, आपको पॉलिसी को रिन्यू करने की जरूरत होती है। पॉलिसी का रिन्यू होने पर कई अन्य लाभ भी मिल जाते हैं। उदाहरण के लिए, आपको इसके लिए कम प्रीमियम देना पड़ सकता है। लेकिन, अगर आप अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं कराते हैं, तो यह लैप्स हो जाएगी।

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