NOI : दिल्ली सरकार के ऐलान के बाद अब राज्य के स्कूलों में देशभक्ति की पढ़ाई शुरू करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इसके मुताबिक, स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) की गवर्निंग काउंसिल ने शुक्रवार को 'देशभक्ति' पाठ्यक्रम के फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस फ्रेमवर्क को पेश किया गया। वहीं पाठ्यक्रम का फ्रेमवर्क दिल्ली सरकार द्वारा गठित 'देशभक्ति' पाठ्यक्रम समिति की सिफारिशों पर आधारित है।

इस कमेटी की अध्यक्षता डॉ रेणु भाटिया, प्राचार्य, सर्वोदय कन्या विद्यालय मोती बाग और शारदा कुमारी, पूर्व प्राचार्य, डाइट आरके पुरम कर रही हैं। इस समिति ने छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, शिक्षकों, नागरिक समाज संगठनों और व्यापक साहित्य समीक्षा के साथ व्यापक परामर्श करने के बाद अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की है। 

बता दें कि इस साल मार्च में दिल्ली विधानसभा के वार्षिक बजट सत्र के दौरान 'देशभक्ति' पाठ्यक्रम की घोषणा की गई थी। दिल्ली सरकार ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में देशभक्ति और राष्ट्रीयता पैदा करने के उद्देश्य से यह ऐलान किया था। इस दौरान दिल्ली सरकार ने 75वें स्वतंत्र दिवस का जश्न मनाने का निर्णय लिया था। इसके साथ ही सरकार 12 मार्च से 75 सप्ताह तक यानी कि 15 अगस्त, 2021 तक कार्यक्रमों का आयोजन करने का फैसला लिया था। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम ऐलान किए। इसके तहत दिल्ली में पहला सैनिक स्कूल खोलने की भी जानकारी दी थी। वहीं इस संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि, दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे के बीच देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करने और उन्हें जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करने के लिए 'देशभक्ति पाठ्यक्रम' शुरू करने की घोषणा की थी। 

20 करोड़ रुपये का है बजट
सरकार देशभक्ति पाठ्यक्रम में छात्रों के लिए शहीद भगत सिंह और बाबा भीमराव अंबेडकर के प्रेरक जीवन पर और उनके संघर्षपूर्ण कार्यों पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। सरकार ने इसके लिए 20 करोड़ रुपये का बजट रखा है।

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