नई दिल्ली, NOI :- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund -PPF) लंबी अवधि के नजरिए से बिना जोखिम के फंड जमा करने के एक अच्छा विकल्प है। इसमें निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स में छूट मिलती है और इसके साथ इससे मिलने वाला पूरा रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है। इन्हीं खूबियों के कारण लोग बचत करने के लिए पीपीएफ को पसंद करते हैं।

पीपीएफ में निवेश वाली बड़ी संख्या में लोगों को इस बात की जानकारी कम होती है कि इसमें अपने वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए कितना निवेश किया जाए, जिससे अधिक से अधिक लाभ योजना का मिल सके। आज हम अपने इस लेख में पीपीएफ के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।

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पीपीएफ के फायदे


पीपीएफ एक सरकारी योजना है। आप किसी भी नजदीकी बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस में जाकर पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत एक विपीत्त वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। हालांकि, इसमें 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। आप केवल कुछ ही मामलों में निकासी कर सकते हैं।

टैक्स फ्री रिटर्न


पीपीएफ में रिटर्न पूरा टैक्स फ्री होता है। इसमें आप की ओर से जमा की राशि और ब्याज को शामिल किया जाता है। इसमें आपको हर साल न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इनएक्टिव हो सकता है। वहीं, एक वित्त वर्ष में पीपीएफ में 1.50 लाख रुपये तक का निवेश टैक्स छूट के दायरे में आता है। मौजूदा समय में पीपीएफ में 7.10 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है।

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पीपीएफ में कितना निवेश करना चाहिए?


उदाहरण के लिए आपको आने वाले 15 वर्षों में बच्चों की पढ़ाई और आगे के खर्चों के लिए 25 लाख रुपये लाख रुपये की जरूरत होगी। वर्तमान ब्याज दर 7.10 प्रतिशत के मुताबिक, आपको 1,00,000 रुपये सालाना का निवेश करना होगा। पीपीएफ की 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद आपको 27,12,139 रुपये की राशि मिलेगी। बता दें, पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज हर तिमाही सरकार की ओर से घोषित की जाती है।

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