Budget 2023: संविधान में ‘बजट’ शब्द का नहीं है इस्तेमाल, जानें बजट से जुड़े महत्वपूर्ण जीके फैक्ट्स
Budget 2023: बजट से जुड़े महत्व जीके फैक्ट्स
भारत सरकार का आम बजट वस्तुत: केंद्र सरकार के आय और व्यय का लेखा-जोखा है जो कि उस वर्ष के लिए अनुमानित होता है, जिसके लिए पेश किया जा रहा हो। बजट में वित्त मंत्री द्वारा केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं व विकास कार्यक्रमों के लिए व्यय का निर्धारण किया जाता है। साथ नई योजनाओं या प्रावधानों की भी घोषणा की जाती है ताकि उसके लक्षित समूहों को हो रही समस्या से राहत मिले और आर्थिक विकास संभव हो।
बजट तीन तरह का होता है संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटे का बजट। जहां संतुलित बजट उस वर्ष के लिए अनुमानित आय और व्यय दोनो को बराबर बताता है तो वहीं घाटे का बजट तब होता है जबकि सरकार की आय (राजस्व) से ज्यादा व्यय हो। इसके विपरीत, जब व्यय राजस्व की तुलना में कम हो तो इसे अधिशेष बजट कहा जाता है।
वर्तमान केंद्र सरकार के यह 5वां और आखिरी बजट है। हालांकि, इससे पहले भी पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा ही सभी पांच वर्षों के लिए बजट प्रस्तुत किया गया था। पूर्व के कार्यकाल के बजट को तत्कालीन वित्तमंत्री अरूण जेटली ने प्रस्तुत किया था।
आजाद भारत के पहले केंद्रीय बजट को 26 नवंबर 1947 को आरके शनमुखम चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
भारतीय संविधान में ‘बजट’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है, बल्कि इसे ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ कहा गया है।
स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले भारत का बजट ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 7 अप्रैल 1860 को प्रस्तुत किया गया था और इसे भारतीय परिषद के वित्त सदस्य जेम्स विल्सन ने प्रस्तुत किया था।
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