नई दिल्ली, NOI:  PM Modi on Shikshak Parv 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 7 सितंबर से 17 सितंबर पूरे देश में मनाये जाने वाले शिक्षक पर्व 2021 की औपचारिक शुरूआत वर्चुअल मोड में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कर दी है। शिक्षक पर्व और इस समारोह के दौरान लांच किये गये एनईपी 2020 के पहलों को लांच करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आज शिक्षक पर्व के अवसर पर अनेक नई योजनाओं का प्रारंभ हुआ है। ये पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि देश अभी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज़ादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है। NEP के निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक, हर स्तर पर शिक्षाविद, विशेषज्ञ का शिक्षक का सबका योगदान रहा है। आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं। अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है।"

शिक्षक पर्व शुरू, एनईपी 2020 के कई पहल लांच

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 7 सितंबर से 17 सितंबर तक शिक्षा पर्व का उद्घाटन समारोह की औपचारिक रूप से शुरूआत हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य की उपस्थिति में वर्चुअल माध्यम से एनईपी 2020 के अंतर्गत प्रस्तावित कई पहलों को लांच किया गया। इनमें भारतीय सांकेतिक भाषा कोश (ISDL), टॉकिंग बुक्स, सीबीएसई का स्कूल क्वालिटी एश्योरेंस एंड असेसमेंट फ्रेमवर्क और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम निष्ठा 3.0 और विद्यांजलि पोर्टल शामिल हैं।

  • भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश (ISDL) - ज्ञान के सार्वभौमिक डिजाइन के अनुरूप श्रवण बाधितों के लिए ऑडियो और अंतर्निहित पाठ सांकेतिक भाषा वीडियो।
  • टॉकिंग बुक्स - नेत्रहीनों के लिए बोलने वाली ऑडियो किताबें।
  • CBSE QA फ्रेमवर्क - सीबीएसईकी स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा।
  • निष्ठा 3.0 – निपुण भारतके लिए ‘निष्ठा’ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • विद्यांजलि पोर्टल - विद्यालय के विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवकों/ दाताओं/ सीएसआर योगदानकर्ताओं की सुविधा के लिए।
  • शिक्षक पर्व 2021 का विषय

    प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी अपडेट के अनुसार वर्ष 2021 में आयोजित किये जाने पहले पहले शिक्षक पर्व का विषय “गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति” है। बारह दिनों तक पूरे देश में मनाया जाने वाला शिक्षक पर्व न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने, बल्कि देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नवीन तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करेगा।

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